ॐ नमः सिबाय:
“ॐ” – यह ब्रह्मांडीय ध्वनि है, जो की सृष्टि की ऊर्जा का प्रतीक है।
“नमः” – इसका अर्थ है “नमन” या “प्रणाम”।
“शिवाय” – भगवान शिव के लिए”।
पूरा अर्थ: “मैं महादेव को नमन करता हूँ” । भगबान शिव की यह मंत्र शांति, शक्ति और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।
introduction
Maha Shivaratri 2025:
- महा शिवरात्रि का तारीख की बात करे तो इसी साल 2025 को 26 फेरबरी बुधबार को सुबह 11:08 बजे सुरु होकर 27 फेरबरी गुरबार को सुबह 08;54 को ख़तम होगा।
- निशीथ काल पूजा समय की बात करे तो ये रात 12:09 पर आरम्भ होगा और 27 फरवरी 12:59 बजे ख़तम होगा।
- व्रत तोड़ने का समय 26 फेरबरी के अगले दिन 27 फेरबरी को सुबह 6:48 बजे से 8:54 बजे के बिच तोडा जाएगा।
खास बात ये है की शिवरात्रि ब्रत (उजागर) रहते समय, निद्रा का बारन किआ गया है। भक्त 26 फेरबरी सुभे से लेकर अगले दिन 27 फेरबरी आधी रात तक निद्रा नहीं लेना चाहिए। अगले दिन साम को चाँद देखने के बाद ही निद्रा लेना चाहिए। अगर कोई निद्रा लेता है, तो उसका ब्रत असम्पूर्ण माना जाता है।
और शिवरात्रि के अगले दिन करेला खाने का भी रिबाज है।
महा शिवरात्रि पर्ब शिव पार्वती की विवाह का पर्ब है। हर साल भगबान शिव और माता पार्वती के विवाह उस्चब के रूप में महा शिवरात्रि उजागर पालन किआ जाता है। हमारे हिन्दू धर्म में पंचांग के अनुसार महा शिवरात्रि का त्योहार फाल्गुन मास की कृष्णपख्य चतुर्दसी तिथि को मनाया जाता है। और भगबान शिव की कृपा पाने के लिए इसी दिन ब्रत भी रखा जाता है।
Maha Shivaratri 2025 का उत्तम मुहूर्त
महा शिवरात्रि के पूजन समय की बात करे तो, पूजा करने का उत्तम समय है, 27 फेरबरी सुबह 12;09 मिनट से आरम्भ हो कर 12:59 मिनट तक रहेगा। इसी समय ही निशीथ काल पूजा समय रहेगा।
शिवरात्रि पर चार प्रहर के पूजन मुहूर्त
अगर हम बात करे शिवरात्रि की चार प्रहर की तो वो कुछ इस समय में है।
- प्रथम प्रहर: शाम 6:19 बजे से रात 9:26 बजे तक रहेगा।
- द्वितीय प्रहर: रात 9:26 बजे से लेकर 12:34 बजे (27 फरवरी) तक रहेगा।
- तृतीय प्रहर: रात 12:34 बजे से लेकर 3:41 बजे (27 फरवरी) तक रहेगा।
- चतुर्थ प्रहर: रात 3:41 बजे सुबह से सुरु हैकर 6:48 बजे (27 फरवरी) तक रहेगा।
महा शिवरात्रि ब्रत (उजागर) करने की पौराणिक कथा
एक पौराणिक कथा के अनुसार,भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह के दिन को ही महाशिवरात्रि पर्ब मनाया जाता है। सती पार्वती ने भगबान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। जिसे की भगवान शिव ने उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया था।
और खास करके इसिलए ही, महाशिवरात्रि को शिव और शक्ति के मिलन का पर्व माना जाता है। महा शिवरात्रि की इस दिन विवाहित महिलाएँ अपने पति की लंबी उम्र के लिए ब्रत रखते है। और अविवाहित कन्याएँ अच्छे वर की प्राप्ति के लिए ब्रत रखती हैं।
शिवरात्रि व्रत और जागरण का महत्व:
- इस दिन व्रत और रात्रि जागरण करने से पापों का नाश होता है।
- शिवरात्रि ब्रत और उजागर रखने से भगवान शिव की कृपा से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।
- इस दिन “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करने से आत्मा को शुद्धि मिलती है।
शिवरात्रि पर करने बाले 5 सुभ कार्य
शिवरात्रि 2025 में ये पांच कार्य जरूर करे। इन सभी कार्य को करने से भगबान शिव की अपूर कृपा आपको प्राप्त होगी। निचे हमने ये 5 कार्य के ऊपर बिस्तृत से चर्चा की है।
1- शिवलिंग का अभिषेक
अभिषेक सामग्री:
- शिवलिंग को जल से अभिसेक कीजिये (विशुद्धता के लिए)
- शिवलिंग को दूध से अभिसेक कीजिये (शांतिदायक)
- शिवलिंग को शहद से अभिसेक कीजिये (मिठास और प्रेम का प्रतीक)
- शिवलिंग को घी से अभिसेक कीजिये (आरोग्य और समृद्धि के लिए)
- शिवलिंग को गंगाजल से अभिसेक कीजिये (पवित्रता के लिए)
👉 और ये बात का ध्यान रखे की अभिषेक करते समय “ॐ नमः शिवाय” या “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप जरूर करे।
2- बेलपत्र और धतूरा अर्पण कीजिये
भगवान शिव को बेलपत्र और धतूरा अत्यंत प्रिय हैं। इन दो सामग्री और स्नेह का अर्पण करने से शिव जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं, और भक्तों की समस्त इच्छाए पूर्ण करते हैं।
👉 बेलपत्र चढ़ाते समय ये मंत्र जरूर बोले:
“ॐ नमः शिवाय” या फिर “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।”
3- रात्रि जागरण के समय शिव मंत्रों का जाप कीजिये
महाशिवरात्रि की रात्रि जागरण बहुत शुभ होता है। ये कहा गया है। रात्रि जागरण करने से आध्यात्मिक उन्नति होती है ।
👉 रात्रि जागरण के समय ये महत्वपूर्ण शिव मंत्र जरूर बोले:
- “ॐ नमः शिवाय” (पंचाक्षरी मंत्र)
- “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।” (महामृत्युंजय मंत्र)
👉 हमारे हिन्दू धर्म के शिव पुराण में कहा गया है, जो भक्त महाशिवरात्रि की रात्रि में जागरण करता है, उस ब्यक्ति को पिछले जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है।
4- हर समय शिव चालीसा और शिव कथा का पाठ करे
महा शिवरात्रि उजागर में शिव पुराण और भगवान शिव की पौराणिक कथाओं का पाठ करने से इंसान को फल प्राप्त होता है, और जीवन में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं।
👉 शिव पुराण का पाठ से क्या लाभ मिलता है?
- मानसिक शांति मिलती है।
- स्वास्थ्य और समृद्धि आती है।
- सभी दोष और कष्ट दूर होते हैं।
5- इसी दिन दान और गरीबों की सेवा करे
महा शिवरात्रि के समय दान और गरीबो की सेबा जैसे पुण्य कार्य करना चाहिए। इस दिन अन्न, वस्त्र, फल, दूध, धन, कंबल आदि चीजों का दान करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं। दान जैसे:
- गौ माता को चारा और गुड़ खिलाना।
- गरीबो को भोजन कराना।
- कोई भी शिव मंदिर में दीपदान करना।
- ब्राह्मणों को अन्न और वस्त्र दान जैसे पुन्य कार्य करना।
👉 शास्त्रों के हिसाब से: “दानं शिवाय कल्पते” – मतलब है महाशिवरात्रि पर दिया गया दान कभी व्यर्थ नहीं जाता।
शिव पुराण में महा शिवरात्रि ब्रत कथा
शिवपुराण के अनुसार, प्राचीन समय में लुभ्धक नामक एक शिकारी जीबन जापान करने के लिए शिकार करता था। एक दिन वह सीकर के लिए निकला और उसी दिन महा शिवरात्रि पर्ब था। उस रात काफी अंधेरा होने के कारण वो एक बेल वृक्ष पर चढ़कर रात बिताने लगा। भूख-प्यास से उस रात वह सो न सका,और खुद को जगाए रखने के लिए बेल पत्र तोड़कर नीचे गिराने लगा। उसी पेड़ के निचे एक शिवलिंग भी था।और उस दिन शिवरात्रि भी था।
रातभर शिवलिंग के ऊपर बेल पत्र और सीकरी की असू गिरते रहे, इसी तरीके से भूल बसतह भगबान शिव की पूजा हो जाती है। जिसे की भगबान शिव प्रसन हो कर उसे दरसन देते है, और उसे सभी पापो से मुक्त करदेते है।

महा शिवरात्रि करने से भक्त को बिसेस फल प्राप्त होता है। जैसे की उसे पापो से मुक्ति और शिवलोक की प्राप्ति हो जाती है।
महा शिवरात्रि के दौरान घूमने के लिए भारतीय स्तान
महा शिवरात्रि पर्ब के दौरान भगवान शिव की मंदिरों और धार्मिक स्थलों की दर्सन करने से आध्यात्मिक लाभ मिलता है। यहां 2025 में महाशिवरात्रि के दौरान ये 5 बेहतरीन स्थान का बिकल्प दिए गए हैं:
1- काशी विश्वनाथ मंदिर, (उत्तर प्रदेश)
वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर भगबान शिव की बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। महाशिवरात्रि पर यहां विशेष पूजा और भव्य आरती देखने को मिलता है।
2- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, (मध्य प्रदेश)
उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर में महा शिवरात्रि त्यौहार पर भस्म आरती और शिव भक्तों द्वारा रात्रि जागरण का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।
3- बैद्यनाथ धाम, (झारखंड)
बैद्यनाथ धाम बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, और महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां लाखों श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक करने आते हैं।
4- सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, (गुजरात)
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, भगबान शिब की ये मंदिर को पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। महा शिवरात्रि के उस्चब पर यहां विशेष अनुष्ठान होते हैं, और कहा जाए तो यह स्थान आस्था व इतिहास से भरपूर है।
5- केदारनाथ मंदिर, (उत्तराखंड)
महा शिवरात्रि के समय केदारनाथ मंदिर बर्फ से ढका रहता है, और कपाट बंद रहता हैं, पर फिर भी ऋषिकेश और गुप्तकाशी में विशेष पूजा-अर्चना होती है, और यही स्तान भक्तों को आकर्षित करती है।
महा शिवरात्रि के तारीख 2025 से 2030 तक
वर्ष | महाशिवरात्रि की तिथि | दिन |
2025 | 26 फरवरी | बुधवार |
2026 | 15 फरवरी | रविवार |
2027 | 5 मार्च | शुक्रवार |
2028 | 23 फरवरी | बुधवार |
2029 | 11 फरवरी | रविवार |
2030 | 1 मार्च | शुक्रवार |
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